Sunday, 17 January 2016

Shayari





जब जब उनकी यादों ने सतया,
तब तब उन्हे याद किया 
जब जब तन्हाई ने हमें रुलया​,
तब तब उन्हे याद किया 
लिपटे रहती हैं यादें उनकी फ़ुर्सत में हमसे 
हमें अब तो ये भी खबर नही है;

कि कब कब उन्हे याद किया 

- सौरभ राय (Saurabh Roy)

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